Class 11th Biology NCERT Notes Chapter 01 The Living World – जीव जगत

प्रिय विद्यार्थियों कक्षा 11  के जीव विज्ञान के महत्त्वपूर्ण नोट्स के साथ आपको NCERT बुक के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के हल को आपके लिए यहाँ पर आपको उपलब्ध कराया गया है . यह सभी विद्यार्थियों के लिए महत्त्वपूर्ण है जो की विद्यार्थियों के बोर्ड एग्जाम में बहुत हेल्प करेगा .

BIOLOGY : CLASS 11 TH जीव जगत 

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Board ( बोर्ड ) UP Board; MP Board; Rajasthan Board; Bihar Board; UK Board
Textbook ( किताब ) NCERT Book
Class ( कक्षा ) Class 11th
Subject ( विषय ) Biology ( जीवविज्ञान )
Chapter ( अध्याय ) Chapter 1
Chapter Name ( अध्याय का नाम ) The Living World जीव जगत
Category ( श्रेणी ) Advance Education Point

फ्री पीडीऍफ़ नोट्स || 

अभ्यास के अंतर्गत दिए गये प्रश्नोत्तर –

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प्रश्न 1: जीवों को वर्गीकृत क्यों करते है ?

उत्तर :

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जीवों का वर्गीकरण निम्नलिखित कारणों से किया जाता है –

  1. जीवों की सरलता से पहचान हेतु .
  2. अन्य स्थानों के जीवों के अध्ययन हेतु .
  3. जीवाश्मों के अध्ययन हेतु .
  4. समूह बनाकर सभी जीवों का अध्ययन किया जा सकता है जबकि सभी जीवों का पृथक अध्ययन असंभव है .
  5. वर्गीकरण से जीवों में समानता व् असमानता का पता चलता है जिससे विभिन्न जीव समूहों के बीच सम्बन्ध का ज्ञान होता है . 
  6. विभिन्न टेक्स के विकास ( evolution ) का पता चलता है .

प्रश्न 2: वर्गीकरण प्रणाली को बार बार क्यों बदलते है ?

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उत्तर :

नये उपकरणों और प्राद्योगिकी के विकास के साथ साथ वैज्ञानिक अध्ययन का भी लगातार विकास होता रहता है . प्राचीन काल में वैज्ञानिक जीवों का वर्गीकरण उनके आवास तथा गुण के आधार पर करते थे . उसके पश्चात् बाह्य आकारिकी ( external morphology ) वर्गीकरण का मुख्य आधार बन गयी . उसके पश्चात् सुक्षम्दर्शी ( microscope ) व अन्य उपकरणों की खोज के पश्चात् आंतरिक संरचना ( anatomy ) तथा भ्रौणिकी ( embryology ) का उपयोग वर्गीकरण हेतु होने लगा . वर्तमान में कोशिकीय संरचना ( cellular structure ) , गुणसूत्र ( chromosomes ) , जैव रासायनिक विश्लेषण ( biochemical analysis ) , जीन संरचना ( gene structure ) तथा डीएनए में समानता का भी उपयोग जीवों के बीच सम्बन्ध स्थापित करने में तथा वर्गीकरण प्रणाली समय के साथ साथ परिवर्तित एवं विकसित की जाती रही है .

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प्रश्न 3; जिन लोगो से आप प्राय : मिलते रहते है , आप उनको किस आधार पर वर्गीकृत करना पसंद करेंगे ?

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{ संकेत : ड्रेस , मातृभाषा , प्रदेश जिसमें वे रहते है , आर्थिक स्टार आदि }

उत्तर : 

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  1. परिवर्द के सदस्य ( family members )
  2. रिश्तेदार ( Relative )
  3. पारिवारिक मित्र ( family friends ) 
  4. स्कूल मित्र ( स्कूल फ्रेंड )
  5. सहपाठी ( Classmates )
  6. व्यस्क, अपने से बड़े , अपने से छोटे , समान उम्र वाले ( Adults, seriors, juniors, same age )
  7.  लिंग – स्त्री या पुरुष ( Sex : Female or Male )
  8. उचाई ( Height )
  9. खेल मित्र ( Playmates )

प्रश्न 4: व्यष्टि तथा समष्टि की पहचान से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर :

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व्यष्टि( Individual ) – प्रत्येक व्यष्टि  में कुछ विशिष्ट लक्षण होते है जो उसकी समष्टि के अन्य व्यष्टियों में नही पाए जाते है. 

समष्टि ( Population )-

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  1. प्रत्येक समष्टि जनन में पृथक ( reproductively isolated ) होती है .
  2. एक समष्टि के सदस्य आपस में अन्तेर प्रजनन ( interbreed ) करके नये जीव को जन्म दे सकते है .
  3. एक समष्टि के सदस्यों में समानता होती है तथा ये अन्य समष्टि से असमान दिखाई देते है .
  4. समष्टि के प्रत्येक सदस्य का कैरियोटाइप ( karyotype ) सामान होता है .
  5. एक समष्टि के सदस्यों में आंतरिक संरचना में समानता पायी जाती है .

प्रश्न 5 : आम का वैज्ञानिक नाम निम्नलिखि है . इनमें से कौन सा सही है ?

           मैन्जिफेरा इंडिका , मेंजिफेरा इंडिका 

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उत्तर :

मैन्जिफेरा इंडिका ( Mangifera इंडिका )

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प्रश्न 6: टैक्सोन की परिभाषा दीजिये . विभिन्न पदानुक्रम स्टार पर टैक्स के कुछ उदहारण दीजिये .

उत्तर :

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टैक्सोन , किसी भी स्तर  का वर्गिकी समूह होता है . ( Taxon is a taxonomic group of any rank.). यह किसी भी स्तर पर जीवों के समूह को निरुपित करता है . उदाहरणार्थ – मक्का ( species ), रोजेज ( genus ) , घास ( family ) , कोनिफर ( order ) , द्विबीजपत्री ( class ), बीजीय पौधे ( division ) . शब्द टैक्सोन ( taxon ) सर्वप्रथम 1956 में ICBN ( International Code of Botanical Nomenclature ) ने प्रतिपादित किया था तथा मेयर ( 1964 ) ने इसकी परिभाषा  ‘किसी भी स्तर के वर्गिकी समूह ‘ के रूप में दी थी .

प्रश्न 7: क्या आप वर्गिकी संवर्ग का सही क्रम पहचान सकते है ?

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(a ) जाति ( species ) – गण ( order ) – संघ ( Phylum ) – जगत ( Kingdom )

(b ) वंश ( genus ) – जाति ( species ) – गण ( order ) – जगत ( kingdom )

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(c ) जाति ( species ) – वंश ( genus ) – गण ( order ) – संघ ( phylum )

उत्तर :

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(c ) जाति ( species ) – वंश ( genus ) – गण ( order ) – संघ ( phylum )

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प्रश्न 8: ‘जाति’ शब्द के सभी मानवीय वर्तमान कालिक अर्थों को एकत्र कीजिए . क्या आप अपने शिक्षक से उच्च कोटि के पौधों , प्राणियों तथा बेक्टीरिया की स्पीशीज का अर्थ जाने के लिए चर्चा कर सकते है ?

उत्तर :

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  1. जाति (species ) एक प्राकृतिक जनसँख्या अथवा सामान आकारिकी ( morphology ) आंतरिक संरचना ( anatomy ) , कार्यिक (physiology ) तथा कोशिकीय संरचना ( cellular structure ) वाले जीवों की प्राकृतिक जनसख्या है .
  2. जाति ( species ) , वर्गीकरण की आधारीय इकाई ( बेसिक यूनिट ) है जिसमें एक जाती के जीव समान आनुवंशिक गुण रखते है .
  3. जाती ( species ) इसे संरचनात्मक रूप से समान जीवों का समूह है जो आपस में मुक्त लैंगिक जनन ( freely sexual reproduction ) द्वारा सन्तान उत्पन्न कर सकते है परन्तु अन्य जाती के जीवों से जनन में पृथकता ( reproductively isolated ) दर्शाते है .

  उच्च पादप तथा जन्तुओ ( higher प्लांट्स एंड एनिमल्स ) में लैंगिक जनन होता है . अत : इनकी जाति निर्धारण के लिए जनन पृथकता ( peproductive isolation ) का उपयोग किया जाता है . अत : परिभाषा (3) सही है . जीवाणुओं ( बैक्टीरिया ) में मुक्त प्रजनन ( फ्री reproduction ) तथा जनन पृथकता  नही पाया जाता है . इसलिए जीवनुओ की जाती का निर्धारण आकारिकी ( morphology ) के आधार पर किया जाता है . अत : परिभाषा (1 ) सही है .

प्रश्न 9: निम्नलिखित शब्दों को समझाइये तथा परिभाषित कीजिये –

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   (1) संघ ,  (2) वर्ग  , (3) कुल  , (4) गण , ( 5) वंश 

उत्तर : 

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( 1 ) संघ ( फाइलम ) – समान गुणों वाले वर्गों ( class ) को एक संघ ( phylum ) में रखा जाता है , जैसे मत्स्य , उभयचर , सरीसृप ( reptiles ), पक्षी तथा स्तनधारी जंतुओं को एक ही संघ कार्डेटा में रखा गया है . इन सभी जंतुओं में रीड की हड्डी पाई जाती है . पौधों में समान गुणों वाले वर्गों को एक डिविजन में वर्गीकृत किया जाता है .

(2) वर्ग ( class ) – सामान गुणों वाले गन ( आर्डर ) को एक वर्ग में रखा जाता है . गण प्राइमेटा में बन्दर , गोरिल्ला , चिम्पैंजी आदि को एक ही वर्ग मैमेलिया ( mammalia) में शेर , कुत्ता , बिल्ली आदि के साथ रखा गया है , क्योंकि ये सभी स्तनधारी श्रेणी में रखे गये है .

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(3) कुल ( Family ) – जिस प्रकार समान गुणों वाली जाती को एक वंश में रखते है उसी प्रकार सामान गुणों वाले सभी वंशो को एक कुल या कुटुंब ( family ) में रखते है . जैसे आलू , टमाटर , बैंगन में कई गुण समान होते है इसलिए इन्हें एक ही कुल सोलेनेसी में रखा गया है . कुटुंब को वर्धित ( vegetative ) तथा जननीय लक्षणों ( reproductive characters ) के आधार पर विशेषीकरण ( characterization ) किया जाता है . उदाहरन के लिए , शेर , बाघ तथा तेंदुआ को वंश पैन्थेरा ( panthera ) में बिल्ली ( felis ) के साथ कुटुंब फेलिडी ( felidae ) में रखा गया है . इसी प्रकार कुत्ता और बिल्ली में कुछ समानताये तथा कुछ अंतर होते है . इन्हें दो अलग अलग कुटुम्बो क्रमश: कैनिडी ( canidae ) तथा फैलीडी ( felidae ) में रखा गया है .

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(4) गण ( Order ) : समान गुणों वाले कुलों को एक गण ( order ) में रखा जाता है . उदाहरन के लिए , बिल्ली , कुत्ता तथा शेर को एक ही order कार्निवोरा ( carnivora ) में रखा गया है . पौधों में कन्वोल्वुलेसी ( convolvulaceae ) तथा सोलेनेसी ( solanaceae ) कुटुंब को एक गन पोलिमोनिएल्स ( polemoniales ) में पुष्पीय गुणों के आधार पर रखा गया है .

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( 5) वंश ( Genus ) – वंश , सम्बंधित स्पीशीज का एक समूह है . वर्गीकरण में वंश का बहुत महत्त्व है . द्विनाम पद्धति ( binomiaल nomenclature ) के अनुसार किसी भी स्पीशीज को तब तक कोई नाम नही दिया जा सकता है जब तक की वह किसी वंश के साथ न हो .

प्राय : एक ही वंश की जाती के गुणों में काफी समानता होती है . सामान्य गुणों के इसे समूह को सह सम्बंधित गुण ( correlated characters ) कहा जाता है . ऐसी जाती को एक वंश के अंतर्गत रखा जाता है . एक वंश के अन्दर कई जाती हो सकती है , जैसे आम का वंश है मैंजीफेरा ( mangigera) , जिसके अंतर्गत 35 जातियों को रखा गया है . मैन्जिफेरा इंडिका , 35 जातियों में से एक है .

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एक वंश के अंतर्गत केवल एक जाती भी हो सकती है . जैसे वंश जिगो ( ginkgo ) में केवल एक जाती है – जिंगो बाईलोबा . इसे वंश , जिनमे केवल एक ही जाती होती है – मोनोटिपिक जीनस कहलाते है .

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प्रश्न 10 : जीव के वर्गीकरण तथा पहचान में कुंजी किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर :

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कुंजी एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा विभिन्न वर्गों में स्थित प्रत्येक प्रकार के जीव की पहचान की जा सकती है . वैज्ञानिक  जीवों की पहचान उनके गुणों के आधार पर बनाई गयी कुंजी ( keys ) से करते है . कुंजी पौधों तथा जन्तुओ के सामान तथा असमान गुणों के आधार पर बनाई जाती है . वर्गिकी कुंजी ( taxonomic key ) दो विपरीत लक्षणों पर आधारित होती है . इनमे से एक को स्वीकार किया जाता है जबकि दुसरे को अस्वीकृत कर दिया जाता है . कुल , वंश तथा जाती के लिए अलग अलग कुंजी का उपयोग किया जाता है .

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प्रश्न 11: पौधों तथा प्राणियों के उचित उदाहरन देते हुए वर्गिकी पदानुक्रम का चित्रण कीजिए .

उत्तर : 

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वर्गीकरण एकल सोपान प्रक्रम नही है ; बल्कि इसमें पदानुक्रम सोपान होते है जिसमे प्रत्येक सोपान पद अथवा वर्ग ( rank और केटेगरी ) को प्रदर्शित करता है . चूँकि संवर्ग ( केटेगरी ) समस्त वर्गिकी व्यवस्था है  इसलिए इसे वर्गिकी संवर्ग कहते है  और तभी सारे संवर्ग मिलकर वर्गिकी पदानुक्रम बनाते है . प्रत्येक संवर्ग वर्गीकरण की एक इकाई को प्रदर्शित करता है . वास्तव में , यह एक पद को दिखता है और इसे प्राय वर्गक तथा पदानुक्रम का वर्णन एक उदाहरण द्वारा कर सकते है . कीट ( इंसेक्ट्स ) जीवों के एक वर्ग को दिखता है जिसमें एक सामान गुण जैसे तीन जोड़ी संधिपाद ( टाँगे ) होती है . इसक अर्थ है की कीट स्वीकारणीय  सुस्पष्ट जीव है जिसका वर्गीकरण किया जा सकता है . इसलिए इसे  एक पद ( rank ) अथवा वर्गाक ( टैक्सोन ) का दर्जा दिया गया है . स्मरण रहे की वर्ग संवर्ग को दिखता है प्रत्येक पद अथवा वर्गक वास्तव में , वर्गीकरण की एक इकाई को बताता है . ये वर्गिकी वर्ग / संवर्ग सुस्पष्ट जैविक है ना की केवल आकरिकीय समूहन .

सभी ज्ञात जीवों के वर्गिकीय अध्ययन से सामान्य संवर्ग जैसे जगत , संघ अथवा भाग ( पौधों के लिए ) , वर्ग , गण , कुल , वंश तथा जाति का विकास हुआ . पौधों तथा प्राणियों दोनों में जाती सबसे निचले संवर्ग में आती है . इनका वर्गीकरण संलग्न चित्र के अनुसार होता है –

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मनुष्य तथा आम का वर्गिकी पदानुक्रम में वर्गीकरण निम्न प्रकार है –

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पदानुक्रम  मनुष्य  आम 
जगत ( kingdom ) एनिमेलिया प्लांटी
संघ कार्डेटा एन्जियोस्पर्मी
वर्ग मैमेलिया डाईकोटिलीडनी
गण प्राईमेटा सेपींडेल्स
कुल होमोनिड़ी एनाकार्डेसी
वंश होमो मैन्जिफेरा
जाति होमो सेपियंस मैन्जिफेरा इंडिका
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