Chemical Bonding – रासायनिक आबंध

रासायनिक आबंध क्या है ?

रासायनिक बंध / आबंध एक रासायनिक यौगिक को जन्म देने/ निर्माण करने  के लिए दो या दो से अधिक परमाणुओं , अणुओं अथवा आयनों के बीच एक रासायनिक बंधन के गठन को दर्शाता है . ये रासायनिक बंध परिणामी यौगिक में परमाणुओं को एक साथ रखते है .

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वह आकर्षण बल जो अलग अलग परमाणु / आयन आदि को एक साथ रखता है और उर्जा के क्षय से उन्हें स्थिर करता है , रासायनिक आबंध कहलाता है . अत : रासायनिक यौगिक इसके  घटकों के बीच रासायनिक बंधो की ताकत पर निर्भर करता है . अत :  घटकों के बीच बंध जितना मजबूत होगा , परिणामी यौगिक उतना ही अधिक स्थिर होगा .

इसके विपरीत यह भी सच है की यदि घटकों के बीच रासायनिक बंध कमजोर है तो परिणामी यौगिक में स्थिरता की कमी होगी और अधिक स्थिर रासायनिक यौगिक देने के लिए आसानी से एक और प्रतिक्रिया से गुजरना होगा . स्थिरता प्राप्त करने के लिए , परमाणु अपनी उर्जा खोने का प्रयास करते है.

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जब भी पदार्थ किसी अन्य प्रकार के पदार्थ के साथ परस्पर क्रिया करता है , तो एक के द्वारा दुसरे पर बल लगाया जाता है . जब बालों की प्रकृति आकर्षण होती है  तो उर्जा कम हो जाती है . जब बलों की प्रकृति प्रतिकारक होती है , तो उर्जा में वृद्धि होती है . दो परमाणुओं को आपस में बाँधने वाला आकर्षण बल , रासायनिक बंध कहलाता है .

रासायनिक आबंधन पर दिए गये महत्वपूर्ण सिद्धांत :

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कोसल और लुईस ने सबसे पहले वर्ष 1916 ई० में रासायनिक बंधो के निर्माण की सफल व्याख्या की थी . उन्होंने नोबेल गौसों की जड़ता के आधार पर रासायनिक आबंध / बंध की व्याख्या की थी .

रासायनिक बंध से सम्बंधित लुईस के नियम /सिद्धांत :

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  • एक परमाणु को धनावेशित ‘कर्नेल ‘ ( जैसे नाभिक प्लस आंतिरक इलेक्ट्रान ) और बाहरी कोष के रूप में देखा जा सकता है .
  • किसी भी परमाणु के बाह्य कोष में अधिकतम 8 इलेक्ट्रोन ही हो सकते है . ( He के पड़ोसी तत्व को छोड़कर )
  • बाह्य कोष में मौजूद 8 इलेक्ट्रोन एक घन के कोनो पर कब्ज़ा कर लेते है  जो कर्नेल को घेरे रहता है .
  • ओकटेट विन्यास वाले परमाणु अर्थात सबसे बाहरी कोष में 8 इलेक्ट्रोन  एक स्थिर विन्यास  का प्रतीक है .
  • परमाणु अन्य परमाणुओं के साथ रासायनिक बंध बनाकर स्थिर विन्यास को प्राप्त कर सकते है . यह रासायनिक बंध या तो एक इलेक्ट्रोन को प्राप्त करने से या खोने से  या कुछ मामलो में एक इलेक्ट्रोन के बटवारे के कारण बनता है .
  • केवल बाह्य कोष में मौजूद इलेक्ट्रोन , जिन्हें संयोजकता इलेक्ट्रोन भी कहा जाता है , रासायनिक बंधो के निर्माण में भाग लेते है .  लुईस ने इन संयोजकता इलेक्ट्रानो का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशिष्ट संकेतो का उपयोग किया है जिन्हें लुईस प्रतीकों के रूप में जाना जाता है .
  • आमतौर पर किसी तत्व की संयोजकता  लुईस बिदुओं की संख्या के बराबर होती है .
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